भदोही का इतिहास और संस्कृति का जीवनकाल

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भदोही (Bhadohi) उत्तर प्रदेश राज्य के एक प्रमुख जिला और ऐतिहासिक नगर है, जो अपने कालीन और दरी उद्योग के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। भदोही का इतिहास काफी समृद्ध और दिलचस्प रहा है। यहाँ इसका संक्षिप्त इतिहास हिंदी में दिया गया है:

प्राचीन इतिहास

  1. पौराणिक महत्व:
    भदोही का नाम संभवतः “भद्र” (शुभ) और “अवही” (स्थान) से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है “शुभ स्थान”। कुछ मान्यताओं के अनुसार, यहाँ भगवान राम के वनवास काल से जुड़े प्रसंग भी जुड़े हैं।
  2. महाभारत काल:
    ऐतिहासिक साक्ष्यों के अनुसार, भदोही क्षेत्र महाभारत काल में पांडवों के अधीन था और यहाँ के लोगों ने उनका साथ दिया था।

मध्यकालीन इतिहास

  1. मुगल काल:
    • भदोही मुगल साम्राज्य के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र था।
    • अकबर के शासनकाल में यह इलाहाबाद सूबे का हिस्सा था।
    • यहाँ की कालीन और दरी बुनाई की परंपरा मुगलकाल में ही विकसित हुई, जिसे बाद में अंग्रेजों ने भी प्रोत्साहित किया।
  2. मराठा और नवाबी प्रभाव:
    18वीं शताब्दी में भदोही पर मराठों और अवध के नवाबों का प्रभाव रहा। बनारस के राजाओं ने भी इस क्षेत्र पर कुछ समय तक शासन किया।

ब्रिटिश काल

  1. अंग्रेजों का आगमन:
    • 19वीं शताब्दी में भदोही ब्रिटिश शासन के अधीन आया और यह संयुक्त प्रांत (यूपी) का हिस्सा बना।
    • अंग्रेजों ने यहाँ के हथकरघा उद्योग को बढ़ावा दिया और भदोही की कालीनों को यूरोप तक निर्यात किया जाने लगा।
  2. स्वतंत्रता संग्राम में योगदान:
    • भदोही के लोगों ने 1857 की क्रांति में सक्रिय भाग लिया।
    • बाद में गांधीजी के असहयोग आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन में भी यहाँ के लोग शामिल हुए।

आधुनिक भदोही

  1. जिला का गठन:
    • भदोही पहले सन्त रविदास नगर (भदोही) जिले के नाम से जाना जाता था, लेकिन बाद में इसे केवल भदोही जिला कर दिया गया।
    • 30 जून 1994 को इसे वाराणसी जिले से अलग करके एक स्वतंत्र जिला बनाया गया।
  2. कालीन नगरी की पहचान:
    • आज भदोही “कालीन नगरी” के नाम से विख्यात है और यहाँ से निर्यात होने वाली कालीनें दुनियाभर में मशहूर हैं।
    • भारत सरकार ने भदोही की हस्तनिर्मित कालीनों को “भौगोलिक संकेतक (GI)” टैग प्रदान किया है।
  3. धार्मिक महत्व:
    • भदोही में कई प्राचीन मंदिर और धार्मिक स्थल हैं, जिनमें ऋषि गंगा मंदिरकाली मंदिर और संत रविदास जन्मस्थान (चुरासी गाँव) प्रमुख हैं।

निष्कर्ष

भदोही का इतिहास प्राचीन काल से लेकर आधुनिक युग तक समृद्ध रहा है। यह न केवल एक धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है, बल्कि भारत के हस्तशिल्प उद्योग का एक प्रमुख केंद्र भी है। आज भदोही वैश्विक स्तर पर अपनी कालीनों के लिए पहचाना जाता है और यहाँ का सांस्कृतिक वैभव इसे उत्तर प्रदेश का एक विशेष जिला बनाता है।

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Jrs Computer सेंटर है। वर्तमान में AmanShantiNews.com में बतौर सब एडिटर कार्यरत हैं, और Sports की खबरें कवर करते हैं। कानपुर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। पत्रकारिता की शुरुआत 2020 में अमन शांति न्यूज से हुई थी। Sports,Business,Technology आदि संबंधी खबरों में दिलचस्पी है।
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