Raipur। केंद्र सरकार द्वारा 37 आवश्यक जीवनरक्षक दवाओं की कीमतों में 10 से 15 प्रतिशत तक की कटौती को लेकर छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने इस फैसले को “जनहित में बड़ा और ऐतिहासिक निर्णय” बताया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी एवं जनकल्याणकारी नेतृत्व में लिया गया यह फैसला गरीब, श्रमिक, किसान, आदिवासी और बुजुर्ग वर्ग के लिए राहतभरा साबित होगा। सरकार द्वारा जिन दवाओं की कीमतें घटाई गई हैं, उनमें पैरासिटामोल, एटोरवास्टेटिन, एमोक्सिसिलिन जैसी हृदय रोग, मधुमेह, संक्रमण, बुखार और दर्द से जुड़ी जीवनरक्षक औषधियाँ शामिल हैं।
इन दवाओं की मांग सबसे अधिक होती है और आमजन के स्वास्थ्य उपचार में इनका अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। उपमुख्यमंत्री साव ने कहा कि इस निर्णय से देश के उन करोड़ों लोगों को सीधा लाभ मिलेगा जो महंगी दवाओं के कारण इलाज से वंचित रह जाते थे। विशेषकर छत्तीसगढ़ जैसे राज्य, जहां बड़ी संख्या में आदिवासी, ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग निवास करता है, वहां यह कदम एक “स्वास्थ्य सुरक्षा कवच” की तरह कार्य करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों के माध्यम से सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता रही है।
इन केंद्रों के विस्तार से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर जरूरतमंद व्यक्ति तक सस्ती दवाएं पहुंच सकें। इसके साथ ही आयुष्मान भारत योजना के प्रभावी क्रियान्वयन और सरकारी अस्पतालों में आधारभूत स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती से जनसामान्य को और अधिक राहत मिलेगी। अरुण साव ने यह भी दोहराया कि छत्तीसगढ़ सरकार केंद्र की जनहितकारी योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
उनका कहना था कि यह निर्णय विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की जेब पर बोझ कम करेगा और उन्हें बिना आर्थिक चिंता के इलाज की सुविधा प्राप्त होगी। उपमुख्यमंत्री ने अंत में कहा, “छत्तीसगढ़ की 3 करोड़ जनता की ओर से मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस संवेदनशील और दूरदर्शी फैसले के लिए हार्दिक अभिनंदन एवं आभार व्यक्त करता हूँ। यह कदम भारत को ‘स्वस्थ राष्ट्र’ की दिशा में आगे ले जाने वाला है।”