ayodhya ram mandir उत्तर प्रदेश के अयोध्या शहर में स्थित है। जानिए इसके इतिहास,

सतीश कुमार

ayodhya ram mandir “ – अगर आप इस सवाल के जवाब की तलाश में हैं, तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं। भारत के हृदय में स्थित, श्री राम जन्मभूमि मंदिर, जिसे हम सामान्यतः अयोध्या राम मंदिर के नाम से जानते हैं, उत्तर प्रदेश राज्य के अयोध्या शहर में विराजमान है। लेकिन यह मंदिर सिर्फ एक इमारत नहीं है; यह भारत की आत्मा, सदियों की आस्था, इतिहास और एक नए युग का प्रतीक है।

यह लेख आपको केवल अयोध्या राम मंदिर के स्थान तक ही सीमित नहीं रखेगा, बल्कि इसके गर्भ में छिपे हज़ारों साल के इतिहास, आध्यात्मिक महत्व, वास्तुशिल्प की अद्भुत कला, और एक यात्री के रूप में आपकी आने वाली यात्रा के हर पहलू से रूबरू कराएगा। चलिए, इस पावन यात्रा पर निकलते हैं।

अध्याय 1: अयोध्या – वह पवित्र नगरी जहाँ अवतरित हुए थे मर्यादा पुरुषोत्तम राम

अयोध्या, जिसका शाब्दिक अर्थ है “जहाँ युद्ध न हो,” सिर्फ एक शहर का नाम नहीं, बल्कि करोड़ों हिंदुओं की आस्था और विश्वास का केंद्र है। यह नगरी उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से में, सरयू नदी के दाहिने तट पर बसी हुई है।

भौगोलिक स्थिति:

  • राज्य: उत्तर प्रदेश

  • जिला: अयोध्या (पहले फैजाबाद जिले का हिस्सा था)

  • नदी: पवित्र सरयू नदी के तट पर स्थित

  • निकटवर्ती शहर: लखनऊ (राजधानी) से लगभग 130 किलोमीटर, वाराणसी से लगभग 200 किलोमीटर।

प्राचीन ग्रंथों, विशेष रूप से वाल्मीकि रामायण और अथर्ववेद में, अयोध्या को “अयोध्या-देवतानां नगरी” (देवताओं का नगर) कहा गया है। इसे भगवान विष्णु के सातवें अवतार, श्री रामचंद्र की जन्मस्थली और उनकी राजधानी के रूप में जाना जाता है। यह शहर साकेत मंडल का केंद्र और इक्ष्वाकु वंश के सूर्यवंशी राजाओं की राजधानी रहा है।

अध्याय 2: एक सदियों पुराना सफर: राम जन्मभूमि का संक्षिप्त इतिहास

राम मंदिर का इतिहास केवल एक धार्मिक स्थल का इतिहास नहीं, बल्कि भारतीय उपमहाद्वीप के सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक इतिहास का एक अटूट हिस्सा है।

प्राचीन काल (ईसा पूर्व):

  • मान्यताओं के अनुसार, राजा विक्रमादित्य ने लगभग 2000 साल पहले इस स्थान पर एक भव्य मंदिर का निर्माण करवाया था। ऐसा कहा जाता है कि समय के साथ यह मंदिर टूट-फूट गया और उसके अवशेष ही बचे रह गए।

मध्यकालीन काल (16वीं शताब्दी):

  • 1528 ईस्वी में, मुगल सम्राट बाबर के सेनापति मीर बाकी ने इसी स्थान पर एक मस्जिद का निर्माण करवाया, जिसे ‘बाबरी मस्जिद’ के नाम से जाना गया। हिंदू मान्यता के अनुसार, इस मस्जिद का निर्माण एक मौजूदा मंदिर को तोड़कर किया गया था।

आधुनिक काल (20वीं-21वीं शताब्दी):

  • 1949: मस्जिद के केंद्रीय स्थल पर रामलला (भगवान राम के बाल रूप) की मूर्तियाँ प्रकट हुईं, जिसके बाद विवाद और तीव्र हो गया। स्थान को सील कर दिया गया।

  • 1980-90: विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने राम जन्मभूमि आंदोलन को एक नया जनआंदोलन बना दिया। लाखों कार सेवकों ने इस आंदोलन में भाग लिया।

  • 6 दिसंबर 1992: एक विवादास्पद घटना में, बाबरी मस्जिद का ढाँचा गिरा दिया गया, जिससे देश में सांप्रदायिक तनाव फैल गया।

  • 2010: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भूमि को तीन हिस्सों में बांटने का फैसला सुनाया – एक भाग रामलला को, एक सुन्नी वक्फ बोर्ड को और एक निर्मोही अखाड़ा को।

  • 2019: भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया, जिसमें विवादित पूरी 2.77 एकड़ जमीन रामलला को दी गई और मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या में ही अलग से 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया गया।

  • 5 अगस्त 2020: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन करके नए भव्य राम मंदिर के निर्माण की आधारशिला रखी।

  • 22 जनवरी 2024: देश-विदेश में करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र, भव्य श्री राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का पावन अनुष्ठान संपन्न हुआ।

अध्याय 3: श्री राम मंदिर: वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना

नया राम मंदिर भारतीय वास्तुकला और सांस्कृतिक गौरव का एक शानदार उदाहरण है। इसके डिजाऍन और निर्माण में अत्याधुनिक तकनीक के साथ-साथ प्राचीन शिल्प कौशल का भी उपयोग किया गया है।

  • शैली: मंदिर का निर्माण प्राचीन नागर शैली में किया गया है, जो उत्तर भारतीय मंदिर वास्तुकला का प्रमुख आधार है।

  • आयाम: मंदिर 380 फीट लंबा (पूर्व-पश्चिम), 250 फीट चौड़ा (उत्तर-दक्षिण) और 161 फीट ऊँचा है।

  • संरचना: मंदिर तीन मंजिला है, जिसमें 392 स्तंभ और 44 द्वार हैं।

  • सामग्री: पूरे मंदिर का निर्माण बलुआ पत्थर (विशेष रूप से राजस्थान के भरतपुर से लाए गए गुलाबी बलुआ पत्थर) से किया जा रहा है, जो सैकड़ों सालों तक टिकाऊ रहता है। लोहे और स्टील का इस्तेमाल कहीं भी नहीं किया गया है।

  • गर्भगृह: मंदिर के केंद्र में रामलला की मूर्ति स्थापित है, जो काले पत्थर से बनी है।

अध्याय 4: अयोध्या कैसे पहुँचें? यात्रा गाइड

अब जब आप जान गए हैं कि अयोध्या राम मंदिर किस राज्य में है, तो चलिए आपकी यात्रा को आसान बनाते हैं।

वायु मार्ग:

  • निकटतम हवाई अड्डा: महाराजा यशवंतराव होल्कर एयरपोर्ट, इंदौर (IDR) लगभग 160 किमी दूर है। देवी अहिल्याबाई होल्कर एयरपोर्ट, इंदौर (IDR) से अयोध्या के लिए टैक्सी या बस ले सकते हैं। दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद जैसे प्रमुख शहरों से इंदौर के लिए सीधी उड़ानें उपलब्ध हैं।

  • अन्य विकल्प: लखनऊ का चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (LKO) भी एक प्रमुख विकल्प है, जो अयोध्या से लगभग 130 किमी दूर है।

रेल मार्ग:

  • अयोध्या धाम जंक्शन: अयोध्या का रेलवे स्टेशन देश के प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, वाराणसी, इलाहाबाद आदि से सीधी ट्रेनों से जुड़ा हुआ है।

  • फैजाबाद जंक्शन: यह अयोध्या का नजदीकी और प्रमुख रेलवे स्टेशन है, जो देश के लगभग हर कोने से जुड़ा है।

सड़क मार्ग:

  • उत्तर प्रदेश का यह क्षेत्र सड़क मार्ग से बहुत अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। दिल्ली, आगरा, लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर आदि शहरों से अयोध्या के लिए नियमित बसें और टैक्सी सेवाएं उपलब्ध हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग 27 (NH27) और 330 (NH330) अयोध्या से होकर गुजरते हैं।

अध्याय 5: अयोध्या में और क्या देखें? प्रमुख पर्यटन स्थल

राम मंदिर के अलावा, अयोध्या में कई अन्य धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल हैं जो आपकी यात्रा को और भी यादगार बना सकते हैं।

  1. हनुमान गढ़ी: मान्यता है कि यह वह स्थान है जहाँ हनुमान जी रहते थे और अयोध्या की रक्षा करते थे। मंदिर तक पहुँचने के लिए 76 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं।

  2. कनक भवन: यह भव्य महल भगवान राम और सीता जी को उनकी विदाई में उपहार स्वरूप मिला था। यहाँ उनकी सोने की मूर्तियाँ हैं।

  3. सरयू नदी घाट: गुप्तार घाट, राम घाट, और राज घाट जैसे घाटों पर स्नान और आरती का विशेष महत्व है। सरयू नदी में डुबकी लगाना पुण्यदायी माना जाता है।

  4. त्रेता के ठाकुर मंदिर: यह मंदिर भगवान राम की उस काले पत्थर की मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है, जिसकी स्थापना स्वयं भगवान राम ने की थी।

  5. नया गंगा घाट: यह एक खूबसूरत और विशाल घाट है, जहाँ से सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा बेहद मनमोहक होता है।

अध्याय 6: राम मंदिर का सामाजिक-सांस्कृतिक प्रभाव

राम मंदिर का निर्माण सिर्फ एक इमारत खड़ा करने तक सीमित नहीं है। इसका भारतीय समाज, अर्थव्यवस्था और संस्कृति पर गहरा प्रभाव पड़ा है और पड़ रहा है।

  • धार्मिक एकता का प्रतीक: यह मंदिर करोड़ों हिंदुओं की सदियों पुरानी आस्था का प्रतिफल है। इसने एक नए आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण को जन्म दिया है।

  • पर्यटन और आर्थिक विकास: अयोध्या अब एक वैश्विक तीर्थस्थल के रूप में उभर रहा है। इससे होटल, परिवहन, हस्तशिल्प और स्थानीय व्यवसायों को बहुत बढ़ावा मिला है, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं।

  • अवसंरचना का विकास: अयोध्या में नए एयरपोर्ट, बेहतर सड़कें, रेलवे स्टेशन का नवीनीकरण और अन्य बुनियादी ढाँचों का तेजी से विकास हुआ है।

अध्याय 7: अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. अयोध्या राम मंदिर किस राज्य में स्थित है?
उत्तर: अयोध्या राम मंदिर उत्तर प्रदेश राज्य के अयोध्या शहर में स्थित है।

2. राम मंदिर का निर्माण कब शुरू हुआ और कब पूरा होगा?
उत्तर: मंदिर का औपचारिक निर्माण कार्य अगस्त 2020 में शुरू हुआ था। गर्भगृह का पहला चरण 22 जनवरी 2024 को प्राण-प्रतिष्ठा के साथ पूरा हो गया है। पूरे मंदिर परिसर के पूरी तरह तैयार होने में अभी कुछ और समय लगेगा।

3. राम मंदिर में दर्शन का समय क्या है?
उत्तर: दर्शन का समय सुबह 7:00 बजे से 11:30 बजे तक और दोपहर 2:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक है। हालाँकि, भीड़ और विशेष अवसरों के अनुसार समय में बदलाव हो सकता है।

4. क्या राम मंदिर में ऑनलाइन पास बुक करना अनिवार्य है?
उत्तर: हाँ, भीड़ को नियंत्रित करने और यात्रियों की सुविधा के लिए अयोध्या में दर्शन के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है। आप आधिकारिक वेबसाइट https://shriramjanmbhoomi.org/ पर जाकर अपना पास बुक कर सकते हैं।

5. अयोध्या में ठहरने के लिए अच्छे होटल कौन से हैं?
उत्तर: अयोध्या और पास के फैजाबाद में धर्मशालाओं से लेकर बजट और लक्जरी होटल्स तक कई विकल्प उपलब्ध हैं। कुछ प्रसिद्ध नामों में होटल साकेत, बिरला धर्मशाला, और रेलवे की यात्री सेवाएं शामिल हैं।

निष्कर्ष: एक नए युग का आगाज

अयोध्या में श्री राम मंदिर का निर्माण सिर्फ एक ऐतिहासिक घटना नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक पुनर्स्थापना है। यह मंदिर मर्यादा पुरुषोत्तम राम के आदर्शों, धर्म, संस्कृति और राष्ट्रीय गौरव का एक जीवंत केंद्र बन गया है। यह हमें सिखाता है कि सत्य और धैर्य की अंततः विजय होती है। अयोध्या की यह पावन भूमि अब पूरी दुनिया के लिए आस्था, शांति और अध्यात्म का प्रकाश स्तंभ बन चुकी है। जय श्री राम!


  1. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की आधिकारिक वेबसाइट: https://shriramjanmbhoomi.org/ – यह लिंक यूजर को सीधे स्रोत से जोड़ेगा और आपके ब्लॉग की विश्वसनीयता बढ़ाएगा।

  2. उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग: https://www.uptourism.gov.in/ – यह लिंक यूजर को अयोध्या के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के अन्य पर्यटन स्थलों के बारे में जानकारी देगा।

  3. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की एक रिपोर्ट: आप ASI की उस रिपोर्ट के लिंक का उपयोग कर सकते हैं जिसमें विवादित स्थल पर मंदिर के अवशेष मिलने का जिक्र है। यह ऐतिहासिक तथ्यों को प्रमाणित करेगा। (एक विश्वसनीय समाचार वेबसाइट या ASI की आधिकारिक साइट से लिंक करें)।

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Satish Kumar Is A Journalist With Over 10 Years Of Experience In Digital Media. He Is Currently Working As Editor At Aman Shanti, Where He Covers A Wide Variety Of Technology News From Smartphone Launches To Telecom Updates. His Expertise Also Includes In-depth Gadget Reviews, Where He Blends Analysis With Hands-on Insights.
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