Bihar Election Result: एनडीए की सुनामी में 9 सीटों पर 1000 से कम वोटों का रोमांचक अंतर

Aman Shanti In

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने प्रचंड बहुमत हासिल करते हुए 243 में से 202 सीटें जीतीं। भाजपा ने 89 और जदयू ने 85 सीटें हासिल कीं।

वहीं विपक्षी महागठबंधन को महज 35 सीटें मिलीं, जिसमें राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को 25 सीटें ही नसीब हुईं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दसवीं बार सत्ता में वापसी कर रहे हैं।

चुनाव में रिकॉर्ड 67.13 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसमें महिलाओं की भागीदारी ने निर्णायक भूमिका निभाई। NDA की जीत को महिलाओं के लिए कल्याणकारी योजनाओं, कानून-व्यवस्था और युवा सशक्तिकरण से जोड़ा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे महिला और युवा की जीत बतायाएनडीए की इस सुनामी के बीच 9 सीटों पर जीत का अंतर 1000 वोटों से कम रहा। ये सीटें हैं-

संदेश (भोजपुर): राधा चरण साह (जदयू) ने दीपू सिंह (राजद) को मात्र 27 वोटों से हराया।
आगिआंव (भोजपुर): महेश पासवान (BJP) ने माले उम्मीदवार को 95 वोटों से हराया।
फॉरबिसगंज (अररिया): मनोज विश्वास (कांग्रेस) ने विद्या सागर केशरी (BJP) को 221 वोटों से मात दी।
रामगढ़ (कैमूर): सतीश कुमार सिंह यादव (BSP) ने अशोक कुमार सिंह (BJP) को 30 वोटों से पराजित किया।
चनपटिया (पश्चिम चंपारण): अभिषेक रंजन (कांग्रेस) ने उमाकांत सिंह (BJP) को 602 वोटों से शिकस्त दी।
जहानाबाद: राहुल कुमार (RJD) ने चंदेश्वर प्रसाद (JDU)) को 793 वोटों से हराया।
गोह (औरंगाबाद): अमरेंद्र कुमार (RJD) ने डॉ. रणविजय कुमार (BJP) को 767 वोटों से हराया।
बोध गया: कुमार सर्वजीत (RJD) ने श्यामदेव पासवान (LJP-राम विलास) को 881 वोटों से पराजित किया।
बख्तियारपुर (पटना): अरुण कुमार (लोजपा) ने अनिरुद्ध कुमार (राजद) को 981 वोटों से मात दी।
इन निकटतम मुकाबलों में संदेश की 27 वोटों की जीत बिहार के चुनावी इतिहास में सबसे कम अंतरों में से एक है।

विपक्ष ने इन सीटों पर मतगणना में अनियमितता का आरोप लगाया है। तेजस्वी यादव ने कहा, कई सीटों पर खेल हुआ है। राहुल गांधी ने चुनाव को शुरुआत से ही अनुचित बताया। हालांकि चुनाव आयोग ने सभी आरोप खारिज कर दिए हैं।

वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक कुणाल प्रताप सिंह ने बिहार चुनाव परिणाम को लेकर ईवीएमऔर प्रक्रिया पर सवाल उठाने को जमीनी हकीकत से परे बताया है। वे चंपारण क्षेत्र (पूर्वी और पश्चिमी) के परिणामों को प्रक्रिया की निष्पक्षता का प्रमाण मानते हैं, जहां 21 सीटों में से महागठबंधन ने तीन सीटें बहुत मामूली अंतर से जीती हैं।

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