सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) भावना भारती की अदालत में सोमवार को ज्ञानवापी से जुड़े वर्ष 1991 के पुराने मुकदमे की सुनवाई हुई। अदालत ने दोनों पक्षों की अर्जियों पर सुनवाई की और आदेश सुरक्षित कर लिया है। इस मामले में सात नवंबर को आदेश आ सकता है। बेटियों ने पक्षकार बनने की अर्जी भी लगाई है।
पुराने मुकदमे के वादी रहे स्वर्गीय हरिहर पांडेय की बेटियों की तरफ से वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी से संबंधित दो दस्तावेज मांगे गए हैं। इसमें एक दस्तावेज हाईकोर्ट में दाखिल याचिका और दूसरा सत्र न्यायालय में दाखिल निगरानी अर्जी से संबंधित है।
इसे मुकदमे की पत्रावली में शामिल करने की मांग की गई थी। वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने इन दस्तावेजों को शामिल किए जाने पर आपत्ति दर्ज कराई। इससे पहले अदालत वादमित्र को पद से हटाने संबंधी प्रार्थना पत्र खारिज कर चुकी है।