LPG Cylinder Price – आज से एलपीजी सिलेंडर की कीमत में बड़ी राहत की खबर सामने आई है। घरेलू रसोई गैस के दामों में गिरावट से आम जनता को राहत मिल सकती है, क्योंकि यह सीधा असर उनके महीने के बजट पर डालता है। पेट्रोलियम कंपनियों ने नवंबर की शुरुआत में एलपीजी सिलेंडर की नई दरें जारी की हैं, जिसमें कुछ शहरों में 19 किलोग्राम वाले कमर्शियल सिलेंडर के दाम घटाए गए हैं, जबकि घरेलू 14.2 किलोग्राम सिलेंडर की कीमत स्थिर रखी गई है। इस बार की कटौती खासकर होटल और रेस्टोरेंट सेक्टर के लिए फायदेमंद साबित होगी। केंद्र सरकार पहले ही सब्सिडी स्कीम के तहत लाभार्थियों को राहत देने का प्रयास कर रही है। अब देखना यह है कि इस बार की कीमतों में कमी कितने समय तक बनी रहती है और क्या इसका असर भविष्य में घरेलू उपभोक्ताओं तक पहुंचेगा या नहीं।
एलपीजी सिलेंडर के नए रेट्स
नवंबर महीने की शुरुआत में पेट्रोलियम कंपनियों ने पूरे देश में एलपीजी सिलेंडर के नए रेट्स जारी किए हैं। दिल्ली में कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत में करीब ₹60 की कमी आई है, जबकि मुंबई और कोलकाता जैसे बड़े शहरों में भी दरों में गिरावट दर्ज की गई है। घरेलू सिलेंडर की कीमत हालांकि इस बार स्थिर रखी गई है, जिससे मध्यमवर्गीय परिवारों को बड़ी राहत नहीं मिली है। इंडियन ऑयल, एचपी और बीपीसीएल की वेबसाइट्स पर जारी ताज़ा अपडेट के मुताबिक, कीमतें हर महीने की 1 तारीख को एडजस्ट की जाती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय क्रूड ऑयल के दामों में गिरावट और रुपये की स्थिरता ने इस राहत को संभव बनाया है।
आपके शहर में कितना हुआ बदलाव
देश के अलग-अलग राज्यों और शहरों में एलपीजी सिलेंडर की दरें अलग-अलग होती हैं, क्योंकि इन पर स्थानीय टैक्स और ट्रांसपोर्टेशन चार्ज भी जोड़ दिए जाते हैं। दिल्ली में 14.2 किग्रा सिलेंडर ₹903 में उपलब्ध है, जबकि मुंबई में इसका रेट ₹902 और कोलकाता में ₹929 तक पहुंच गया है। वहीं, चेन्नई में यह सिलेंडर ₹918 में मिल रहा है। कमर्शियल उपयोग के लिए इस्तेमाल होने वाला 19 किलो का सिलेंडर अब दिल्ली में ₹1,733 में मिल रहा है, जो पहले ₹1,795 था। आम उपभोक्ताओं के लिए यह राहत भले ही सीमित हो, लेकिन त्योहारी सीजन में खर्चों को थोड़ा कम करने में मदद करेगी।
कीमतों में गिरावट के पीछे का कारण
पिछले कुछ महीनों से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। इसी वजह से घरेलू बाजार में भी एलपीजी की कीमतों को एडजस्ट किया जा रहा है। सरकार ने रसोई गैस पर दी जाने वाली सब्सिडी को सीमित रखा है, लेकिन साथ ही यह सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है कि आम जनता को ज्यादा बोझ न झेलना पड़े। वैश्विक मांग में कमी और आपूर्ति में सुधार ने दामों को नीचे खींचने में मदद की है। यह रुझान अगर आगे भी जारी रहा तो आने वाले महीनों में और राहत मिल सकती है।
आगे क्या उम्मीद की जाए
आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें स्थिर रहीं, तो आने वाले महीनों में एलपीजी की दरों में और कमी संभव है। हालांकि, यह पूरी तरह क्रूड ऑयल के ग्लोबल प्राइस और डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति पर निर्भर करेगा। सरकार और पेट्रोलियम कंपनियां मिलकर यह तय करती हैं कि उपभोक्ताओं को किस हद तक राहत दी जा सकती है। आने वाले समय में यदि सब्सिडी में इजाफा हुआ, तो घरेलू गैस सिलेंडर और भी सस्ते हो सकते हैं, जिससे आम नागरिकों को बड़ी राहत मिलेगी और महंगाई का दबाव कुछ कम होगा।