कांग्रेस ने नए लेबर कोड की आलोचना की, कहा-ये वर्कर्स की मुख्य मांगों को नजरअंदाज करता है

सतीश कुमार

नई दिल्ली: कांग्रेस जनरल सेक्रेटरी जयराम रमेश ने शनिवार को नए लागू किए गए लेबर कोड की कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि ये सिर्फ 29 मौजूदा कानूनों को नए सिरे से पेश करते हैं और मजदूरों की बुनियादी मांगों, जैसे कि हर दिन 400 रुपये का नेशनल मिनिमम वेतन और शहरी इलाकों के लिए रोजगार की गारंटी को पूरा नहीं करते.

उन्होंने यह भी बताया कि इन कोड्स में पूरी तरह से नोटिफाइड नियम नहीं हैं. इससे इन्हें पूरी तरह से लागू नहीं किया जा सका, जबकि इन्हें एक बड़ा सुधार बताया जा रहा था. भारत के लेबर फ्रेमवर्क में आजादी के बाद 21 नवंबर को सबसे बड़ा बदलाव देखा गया, जब सरकार ने चार लेबर कोड्स को लागू किया.

वेतन, इंडस्ट्रियल रिलेशन, सोशल सिक्योरिटी और ऑक्यूपेशनल सेफ्टी और हेल्थ को कवर करने वाले ये कोड, लेबर रेगुलेशन को मॉडर्न बनाने के मकसद से एक कंसोलिडेटेड लेजिस्लेटिव स्ट्रक्चर बनाने के लिए 29 पुराने कानूनों की जगह लेते हैं. हालांकि सरकार का दावा है कि नया फ्रेमवर्क कम्प्लायंस को आसान बनाता है और बिजनेस को बेहतर बनाता है, लेकिन ट्रेड यूनियन वर्कर सेफ्टी के कमजोर होने की संभावना को लेकर चिंता जता रहे हैं.

एक्स पर एक पोस्ट में रमेश ने कहा, ‘मजदूरी से जुड़े 29 मौजूदा कानूनों को 4 कोड में री-पैकेज किया गया है. इसे किसी क्रांतिकारी सुधार के तौर पर पेश किया जा रहा है, जबकि नियम अभी तक नोटिफाई भी नहीं हुए हैं. लेकिन क्या ये कोड भारत के मजदूरों की श्रमिक न्याय के लिए इन 5 जरूरी मांगों को हकीकत बना पाएंगे?’

रमेश ने कांग्रेस के श्रमिक न्याय प्लेटफॉर्म का जिक्र किया. इसमें मजदूरों के लिए पाँच न्याय गारंटी बताई गई हैं. इस बात पर जोर दिया कि नए कोड इन कमिटमेंट को पूरा करने में नाकाम रहे हैं. उन्होंने 2025 में कांग्रेस शासित कर्नाटक में लागू किए गए गिग वर्कर वेलफेयर कानूनों और 2023 में राजस्थान में पेश किए गए पहले के फ्रेमवर्क को भी हाईलाइट किया. इन्हें उन्होंने ज्यादा आगे की सोच वाले मजदूर-केंद्रित सुधारों के उदाहरण के तौर पर बताया, जिन्हें केंद्र ने नजरअंदाज किया.

उन्होंने आगे कहा, ‘मोदी सरकार को कर्नाटक में कांग्रेस सरकार और राजस्थान में पिछली सरकार के उदाहरणों से सीखना चाहिए, जिन्होंने नए कोड से पहले अपने जबरदस्त गिग वर्कर कानूनों के साथ 21वीं सदी के लिए लेबर सुधारों की शुरुआत की है.

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Satish Kumar Is A Journalist With Over 10 Years Of Experience In Digital Media. He Is Currently Working As Editor At Aman Shanti, Where He Covers A Wide Variety Of Technology News From Smartphone Launches To Telecom Updates. His Expertise Also Includes In-depth Gadget Reviews, Where He Blends Analysis With Hands-on Insights.
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