नई दिल्ली। एपल के लिए आईफोन बनाने वाली फॉक्सकान और टाटा ने मार्च में अमेरिका को लगभग दो अरब डॉलर मूल्य के आइफोन निर्यात किए। खास बात यह रही कि इन आईफोन को अमेरिका ले जाने के लिए कार्गों उड़ानों की सुविधा ली गई।
बड़ी मात्रा में अमेरिका को आईफोन का निर्यात किया
माना जा रहा है कि ट्रंप के टैरिफ से लागत बढ़ने की चिंता के चलते मार्च में इतनी बड़ी मात्रा में अमेरिका को आईफोन का निर्यात किया गया। सीमा शुल्क के आंकड़ों पर गौर करें तो एपल के मुख्य भारतीय आपूर्तिकर्ता फॉक्सकान ने मार्च में 1.31 अरब डॉलर मूल्य के स्मार्टफोन का निर्यात किया। इसमें आईफोन 13, 14, 16 और 16 मॉडल शामिल थे।
इस तरह, इस साल फॉक्सकान से अमेरिका को भेजे जाने वाले आईफोन का कुल मूल्य 5.3 अरब डॉलर हो गया। वहीं टाटा इलेक्ट्रानिक्स ने मार्च में 61.2 करोड़ डॉलर के आइफोन निर्यात किए और यह फरवरी की तुलना में लगभग 63 प्रतिशत ज्यादा था।
टाटा ने आइफोन 15 और 16 मॉडल का निर्यात किया
टाटा ने आइफोन 15 और 16 मॉडल का निर्यात किया। हालांकि, जब इस संबंध में एपल, फाक्सकान और टाटा से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। फाक्सकान ने चेन्नई एयर कार्गो टर्मिनल के जरिये हवाई मार्ग से यह आइफोन अमेरिका के तीन विभिन्न शहरों लास एंजिलिस, न्यूयार्क और शिकागो भेजे गए।
आईफोन अमेरिका भेजने के लिए छह कार्गो जेट का इस्तेमाल किया गया
सबसे ज्यादा आइफोन हवाई मार्ग से शिकागो भेजे गए। एपल ने भारतीय एयरपोर्ट अधिकारियों से तमिलनाडु के चेन्नई एयरपोर्ट पर कस्टम्स क्लियरेंस में लगने वाले समय को 30 घंटे से घटाकर छह घंटे करने के लिए पैरवी की। आईफोन अमेरिका भेजने के लिए छह कार्गो जेट का इस्तेमाल किया गया।